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कभी-कभी कुछ बातें होती हैं। (Kabhi-Kabhi kuchh bate hoti hai)

कभी-कभी कुछ बातें होती हैं, (Kabhi-kabhi kuchh batein hoti hain...) फिर मुश्किल सी सब रातें होती हैं। (Fir mushkil si sab raatein hoti hain...) पाते हैं दिल को प्यासा, (Paate hain dil ko pyasa,) फिर क्यों नैनों से बरसते होती हैं। (Fir kyu naino se barsate hoti hain...) कभी-कभी कुछ बातें होती हैं, (Kabhi-kabhi kuchh batein hoti hain...) तू-तू मैं-मैं के किस्सों से... (Tu-tu mai-mai ke kisso se...) बिखरे हमारे हिस्सों में... (Bikhre hamare hisso mein...) सांसें लेती-छोड़ती यादें होती हैं। (Sanse leti-chhodti yadein hoti hain...) तेरे हाथों की लकीरों से... (Tere hathon ki lakiron se...) निकले थे तोड़ जिन जंजीरों से, (Nikle the tod jin janjiron se,) उन्हीं में कैद सारी जज्बातें होती हैं। (Unhi mein kaid sari jazbaatein hoti hain...) सब छोड़ बैठे ...

Baaris

तूने अपना हर कर्तव्य निभाया है... किसी को मजबूर, किसी को सायर बनाया है... कई झूम उठते हैं तुझे देख... और कितनों को तूने कायर बनाया है... कभी कवियों की कल्पनाओं में... तो कभी बुजुर्गों की लोक कथाओं में... तूने जैसे एक किरदार निभाया है... मानो सदियों से निराश इस दुनिया को, तूने ही स्वर्ग बनाया है... देखा है हमने लोगों को कोसते तुझे... किसी को निराश और किसी को जोगते तुझे... है खुदा तू कितनों का... फिर भी हैं कितने रोकते तुझे... हमें तूने जैसे दर्पण दिखाया है... हमेशा गिरना बुरा नहीं... खुद गिरकर सिखलाया है... झुकती हैं टहनियाँ तेरे गुजरने से... जैसे खुद धरा ने शीश नवाया है! English Translation Rain You have fulfilled every duty of yours, Made some helpless, some poets by force. Many rejoice at the sight...

Dastan-e-gardis

दास्तान-ए-गर्दिश में खामोश मेरी जुबानी है... (Dastaan-e-gardish mein khamosh meri jubani hai...) है सब मौन, फिर भी गूंजती एक वाणी है... (Hai sab maun, fir bhi gunjati ek vani hai...) जोग कर जिसे पिरोया हमने... (Jog kar jise piroya hamne...) ये उन्हीं टूटे ख़्वाबों की मेहरबानी है...! (Ye unhi tutte khwabon ki mehrbani hai...!) पूछती है ये नफ़सी हवा (मुझसे)... (Puchhti hai ye nafsi hawa (mujhse)...) करके इश्क़ क्या संजोया तूने... (Karke ishq kya sanjoya tune...) बांध कर तमन्ना-ए-महफ़िल... (Bandh kar tamanna-e-mehfil...) क्या ही खोया तूने...? (Kya hi khoya tune...?) जो मालूम तुझे, एक हीर-रांझे की कहानी है...! (Jo maloom tujhe, ek Odysseus ki kahani hai...!) है कुछ नहीं, तेरी कल्पनाओं की दास्तानी है...! (Hai kuch nahi, teri kalpanao ki dastaani hai...!) जो आज खामो...

Are dubenge to kya paar na jaenge?

अरे डूबेंगे तो क्या पार न जाएंगे? पूछना है तो ये पूछ कि क्या लाएंगे... न होंगी सांसें तो क्या... सांसों का सार लाएंगे... तुम्हें पाने की ज़िद... और उस ज़िद का अंजाम लाएंगे... किसी ने कहा कि मरकर हम क्या पाएंगे... जो जीकर न कर सके, क्या वो कर पाएंगे...? हमने भी हंसकर कह दिया... मुसाफ़िर हैं इश्क़ के राहों के... न कुछ पा सके तो भी अंजाम-ए-मोहब्बत पाएंगे! Are dubenge to kya paar na jaayenge? Puchhna hai to ye puchh ki kya laayenge... Na hongi saansein to kya... Sanso ka saar laayenge... Tumhe paane ki zid... Aur us zid ka anjaam laayenge... Kisi ne kaha ki mar kar hum kya paayenge... Jo jee kar na kar sake, kya wo kar paayenge...? Humne bhi has kar kah...

Sayar kuchh khas nahi mai

शायर कुछ खास नहीं मैं... कभी लिखता हूँ, कभी छोड़ देता हूँ... निकलता हूँ तलाश में खुद की... और कभी खुद से ही मुँह मोड़ लेता हूँ। एक दिन सोचा लिखूंगा हाल इस गुलशन का... पर कुछ रास नहीं आया... खिले थे चेहरे सब... पर थी एक अजीब सी माया। कहा स्वयं ने, “ना तलाश...” पर मैं भी कहाँ रोक पाया... जो टकराया एक दर्पण से तो जाना, चेहरे कहाँ, जग बस है मुखौटों का साया। क्या ही लिखूँ अब... कलम भी अपनी मैं तोड़ आया... निकला था तलाशने खुद को... और एक अजनबी मैं ढूँढ आया! Shayar kuchh khaas nahi main... Kabhi likhta hoon, kabhi chhod deta hoon... Nikalta hoon talaash mein khud ki... Aur kabhi khud se hi muh mod leta hoon. Ek din socha likhunga haal is gulshan k...

Bari der baad aae ho tum...,

बड़ी देर बाद आए हो तुम... और सोच रहे कि ये जाम आखिरी हो। अरे जब मिले हैं फुर्सत में, तो कुछ गुफ्तगू की जाए... ना जाने किस महकमे में, कौन सा अंजाम आखिरी हो। Bari der baad aaye ho tum... Aur soch rahe ki ye jam aakhiri ho. Are jab mile hain fursat mein, To kuchh guftagu ki jaaye... Na jaane kis mahkame mein, Kaun sa anjaam aakhiri ho. English Translation After Such a Long Time, You’re Here... After such a long time, you’re here, Yet you think this drink marks the end, my dear. Now that we’ve found this time so rare, Let’s share our hearts, while we’re still here. For who can tell, in life’s strange play, Which act will mark our final...

Yu Jo Nazre Fer Rhe Hum

यू जो नज़रें फेर रहे हम तुझसे, रंजिशें कौन सी इनमे कम हैं...x2 माना कि खता मेरी नहीं... पर सोचें तो... गुनहगार भी हम हैं...! Yu jo nazre fer rhe hum tujhse, Ranjishen kon si inme kam hain...x2 Mana ki khata meri nhi... Par sochen to... Gunehgar bhi hum hain...! English Translation As I Avert My Gaze... As I avert my gaze from you, The grievances between us are far from few. I admit, the fault may not be mine, Yet in my heart, guilt intertwines. Though innocent, if you look deep inside, A sinner’s shadow in me resides.

Tu ek mithi si tanhai thi...

तुझे ख्वाब होने में एक कसिस थी, पर थी जो भी... एक मीठी सी तन्हाई थी। कर बैठे जो एक फरेबी से ना-फरेब की उम्मीद, ये नासमझी भी मेरे ही दिल से आई थी। आज जो आकर रुख़सत हुए हो तुम, कैसे कह दें कि ये बस तुम्हारी बेवफाई थी! Tujhe khwab hone me ek kasis thi, Par thi jo bhi... ek mithi si tanhai thi. Kar baithe jo ek farebi se na-fareb ki ummid, Ye nasamjhi bhi mere hi dil se aai thi. Aaj jo aakr rukshat hue ho tum, Kaise kah de ki ye bas tumhari bewafai thi! English Translation It Was Like Allure... It was like allure to dream of you, Yet there was sweetness in the solitude too. Hoping for truth from a master of deceit, Ah, such naivety arose from my heart...

Na to tere pas....

Na to Tere pas ja pate hai, Aur tujhse duri bhi.. zan ka Jana hai... Dard-E-Dil Kya hota hai ye mat puchh, Hamse behtar ye aur kisne Jana hai.....

Na jane kyo

Na Jane kyo fisalne laga hu Mai... Sayad fir se pighalne laga hu Mai.. Jakhm-E-Dil to bhara nhi abhi lekin, Sayad fir kisi k khwahiso me jalne laga hu Mai..